आइये आज Credit card पर लिखे नम्बर के बारे मे जाने ।
हम सभी यह जानते है कि क्रेडिट कार्ड के उपर 16 अंको का नंबर लिखा होता है जो चार चार अंको के सेट मे लिखा जाता है । क्या आप जानते है कि Credit card के इस नम्बर का उपयोग क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता और खाता धारक दोनों की पहचान करने के लिए किया जाता है।
सबसे पहले Credit card की जानकारी-
एक क्रेडिट कार्ड क्या होता है और इसको किस तरह से उपयोग मे लाते है ?
क्रेडिट कार्ड के विषय मे आप सभी जानते ही है कि यह एक बैंक या वित्तीय कंपनी द्वारा जारी किया गया प्लास्टिक का बना एक पतला आयताकार कार्ड होता है,जिसका उपयोग कार्डधारकों को धन उधार लेने, वस्तुओं और सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिये किया जाता है । क्रेडिट कार्ड धारक भुगतान की गयी राशि को बाद मे ब्याज के साथ एवं अन्य कोई शुल्क लागू हो तो उसके साथ बैंक या जारी करने वाले कम्पनी को लौटाता है ।
Credit card के उपर लिखा हुआ नम्बर एक कोड होता है। इसको और विस्तार से समझे तो क्रेडिट कार्ड नंबर अमेरिकी राष्ट्रीय मानक संस्थान )ASNI) की एक प्रणाली का उपयोग करके बनाए गए हैं। ये नम्बर जारीकर्ता कम्पनी , नेटवर्क, खाते की पहचान करने और चोरी और धोखाधड़ी को रोकने के प्रयास में, पूरी संख्या को मान्य करने के लिए एक कोड हैं।
एक क्रेडिट कार्ड नम्बर मुख्यत: निम्न तीन बाते दर्शाता है -
1. Information about the card issuer
कार्ड जारी करने वाले के बारे में जानकारी
2. Your account information आपके खाते की जानकारी
3. A check digit एक चेक अंक
अत: यह जान ले कि क्रेडिट कार्ड कंपनियों द्वारा कार्ड पर कोइ भी रेंडम नम्बर डाल दिया जाय ऐसा नही होता है । प्रत्येक क्रेडिट कार्ड पर एक 16 अंको से बनी संख्याओं का एक यूनिक नम्बर होता है।
आइये इस 16 अंको के क्रेडिट कार्ड नम्वर की कोडिंग प्रणाली को समझे-
पहला अंक
The First Number
The First Number
पहला अंक सिस्टम नम्बर/इंडस्ट्रीनम्बर(system number/
Industry Numbers) या कोड कहलाता है ।पहले छह नंबर का उपयोग उद्योग और / या क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता की पहचान करने के लिए किया जाता है। और पहले अंक को प्रमुख उद्योग पहचानकर्ता the Major
Industry Identifier (MII) के रूप में जाना जाता है। यहाँ कुछ लोकप्रिय MII हैं और वे क्या दर्शाते हैं:
Credit Card
Industry Numbers( कार्ड नम्बर का पहला अंक और उससे सम्बंधित इंडस्ट्री कोड)
1Airline
2Some
Mastercard accounts since 2017
3American
Express and Diners Club
4Visa
5Mastercard
6Discover
7Petroleum
8Telecommunications
9Government
अगले 5 अंक The Next 5
Numbers
इन्हें कार्ड के जारीकर्ता पहचान संख्या (IIN), या बैंक पहचान संख्या (BIN) के रूप में संदर्भित किया जाता है, और आगे यह इंगित करता है कि यह किस क्रेडिट कार्ड कंपनी से उत्पन्न हुआ है और किस कार्ड नेटवर्क से संबंधित है।
इंटरनेट पर विभिन्न वेब साइटे उपलब्ध है , जहां क्रेडिट कार्ड के पहले 6 अंक डाल कर आप अपने कार्ड की समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते है ।
जैसे-
https://www.bincheck.io/#results
अगल 7 -15 अंक The Next
7-15 Numbers
कार्ड नंबर में सातवें और शेष सभी अंक, अंतिम को छोड़कर, उस कार्ड के व्यक्तिगत खाते की पहचान करते हैं। खाते की संख्या नौ या 12 अंकों के बराबर हो सकती है।.
अंतिम अंक Last
Number
क्रेडिट कार्ड नंबर के अंतिम अंक को चेक नम्बर के रूप में जाना जाता है। यह नम्बर निर्धारित करता है कि क्या क्रेडिट कार्ड वास्तव में वैध है। अंतिम अंक (चेक अंक) की गणना लुहान एल्गोरिथम Luhn एल्गोरिथ्म के आधार पर की जाती है। (Luhn Algorithm पर अधिक जानकारी के लिये यहां क्लिक करे) https://en.wikipedia.org/wiki/Luhn_algorithm
कार्ड के पीछे Back of the
card
आइये अब जाने कि क्रेडिट कर्ड के पिछले भाग मे क्या क्या नम्बर होते है -
1. होलोग्राम: होलोग्राम कार्ड के आगे या पीछे हो सकता है। वीज़ा कार्ड मे कबूतर का एक 3 डी होलोग्राम बना होता है । मास्टरकार्ड पर 3D विश्व मानचित्र होलोग्राम शब्द "मास्टरकार्ड" पृष्ठभूमि में कई बार छपा होता है।
2. चुंबकीय पट्टी Magnetic Stripe : कार्ड के उपरी भाग मे गहरे भूरे रंग की एक सीधी चुंबकीय पट्टी होती है ।
3. हस्ताक्षर पैनल: यह एक एक सफेद रंग की पट्टी होती है जिस पर कार्डधारक के हस्ताक्षर होते है । कार्ड धारक को हस्ताक्षर करना आवश्यक है । नियमानुसार अहस्ताक्षरित क्रेडिट कार्ड स्वीकार नही किये जाते है ।
4.सुरक्षा कोड Card
Verification Value (CVV या सत्यापन कोड)- यह कार्ड के पीछे हस्ताक्षर पैनल के दाईं ओर कभी-कभी एक सफेद बॉक्स में कार्ड पर मुद्रित अंतिम 3 या 4 नंबर से बना ( वीज़ा और मास्टरकार्ड दोनों क्रेडिट कार्ड पर) सुरक्षा कोड (CVV या सत्यापन कोड ) होता है।
जब लेनदेन फोन या ऑनलाइन द्वारा किया जाता है सुरक्षा कोड (CVV या सत्यापन कोड) का उपयोग कार्डधारक की प्रामाणिकता की पुष्टि करने के लिए किया जाता है ।
प्रत्येक कार्ड के लिए अलग कोड नम्बर होता है और क्योकि यह नम्बर मेग्नेटिक स्ट्रिप (चुंबकीय पट्टी ) पर नहीं लिखा होता है, जालसाज़ो द्वारा इस डेटा को प्राप्त करना असम्भव होता है । यह केवल उस व्यक्ति द्वारा देखा जा सकता है जिसके पास कार्ड है।
कुछ रोचक बातें –
·
- सबसे पहला क्रेडिट कार्ड सन 1946 मे शुरु किया गया ।
- क्रेडिट या डेबिट?
बैंक द्वारा जारी किये गये कार्ड डेबिट या क्रेडिट दो प्रकार के हो सकते है। उनके बीच मुख्य अंतर यह है कि खाते में पैसा किसका है : बैंक या ग्राहक का।डेबिट कार्ड द्वारा ग्राहकों को बैंक मे जमा अपने स्वयम के रुपयो से खरीदी की सुविधा दी जाती है । क्रेडिट कार्ड उपभोक्ताओं को कार्ड जारीकर्ता बैंक से आइटम खरीदने या नकद निकालने के लिए एक निश्चित सीमा तक पैसे उधार लेने की अनुमति देते हैं।
क्रेडिट कार्ड अक्सर डेबिट कार्ड के अलावा जारी किए जाते हैं। महत्वपूर्ण बात ये
है कि बैंक को आपकी अनुमति के बिना क्रेडिट कार्ड जारी करने का कोइ अधिकार नही है ।
- · क्रेडिट कार्ड का साइज़ व आकार –
सभी क्रेडीट कार्ड समान आकार और साइज़ के होते है । ये ISO7810 स्टेंडर्ड के अनुरूप बनाए जाते है।
- · सुरक्षा फीचर –
UV light (यूवी लाइट ) में बैंक कार्ड - बहुत कम लोग जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड मे सुरक्षा फीचर भी होता है । VISA कार्ड को यूवी लाइट मे देखने पर वॉटरमार्क के साथ एक "V" दिखाई देगा । मास्टरकार्ड को यूवी लाइट मे देखने पर पर वॉटरमार्क के साथ में "M" और "C" दिखाइ देते है । और अमेरिकन एक्सप्रेस पर एक ईगल दिखाई देता हैं।
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( अस्वीकरण: इस लेख मे दी गयी जानकारी एवं
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and Figures) की जानकारियां पूर्ण सावधानी से सन्कलित की गयी है। तथापि पाठक वर्तमान, वास्तविक जानकारी हेतु सम्बंधित अधिकारिक वेब साइट से सत्यापित करना सुनिश्चित करें। )